Thursday, April 2, 2009

काश, जॉर्ज भी अटल जी जैसा सम्मान पाते

कितना अच्छा होता की जॉर्ज जैसे समाजवादी नेता को भी अटल बिहारी वाजपेयी जैसा सम्मान मिलता। अटल जी की तरह जॉर्ज भी चुपचाप बैठ जाते। उम्र और सेहत का ख्याल रखते। चुनावी तिकड़मों से अपने को दूर कर लेते। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जॉर्ज फ़र्नान्डिस फ़िर मैदान में हैं। सेहत भले जवाब दे रहा हो, लेकिन वह आज भी लड़ने के मूड में हैं। मुजफ्फरपुर से पर्चा दाखिल कर उन्होंने उसी पार्टी को ललकार दिया है जिसे उन्होंने ही बनाया था। मीडिया में खबरें आ रही है की जॉर्ज जैसे नेता को टिकट नहीं दिया गया। कुछ इसे नीतिश कुमार का तानाशाही बता रहे हैं। क्या यह नीतिश की तानाशाही ही है ? लेकिन मुझे तो ऐसा नहीं लगता है।
जॉर्ज जैसे नेता को तो अब टिकट मिले भी तो इंकार करके सम्मान पाना चाहिए था। एक सांसद के रूप में भी अब जनता को भाग-दौड़ करने वाला प्रतिनिधि चाहिए। हमारे समाज और घर में भी बड़े-बुजुर्ग को सम्मान से बिठा कर रखा जाता है। घर के जवान लोग ही कमाते हैं और परिवार चलाते हैं। नौकरी से भी एक उम्र के बाद लोग सेवानिवृत होते हैं। जेडीयू भी जार्ज के साथ तो ऐसा ही करना चाहती थी। वह हमेशा की तरह अब भी सम्मानित नेता रहते। लेकिन चुनाव लड़ने की घोषणा कर उन्होंने मुजफ्फरपुर के लोगों को भी सांसत में डाल दिया है।
वहां के लोग भी सोच में पड़ गए हैं। जॉर्ज का शहर से पुराना जुडाव और इधर नीतिश कुमार के विकाश के वादे के साथ उतरा उनका प्रत्याशी।

3 comments:

राजीव जैन said...

सही कहा आपने पर श1यद जॉर्ज को ये मंजूर नहीं

Ashok Pandey said...

आपकी बात से सहमत। एक समय के बाद राजनीतिज्ञों को खुद ही सेवानिवृत्ति ले लेनी चाहिए।

Telemarketing Software said...

very interesting article