Friday, July 25, 2008

भाई, वो डॉक्टर साहब कहाँ चले गए

अरे भाई, वो डॉक्टर साहेब कहाँ हैं आजकल। कौन डॉक्टर ? अरे वही नॉएडा वाले। तुम यार डॉक्टर को भी नहीं जानते हो। लगता है तुम्हे देश के नेशनल मैटर वाले ख़बरों से भी कोई मतलब नहीं होता है। नेशनल मैटर। हाँ यार दिन रात चैनल पर वही समाचार आता था। कोई चैनल खोलो। सिर्फ़ एक ही चीज दिखती थी। कातिल कौन ? कातिल कौन ? टीवी पर ई मामला इतना चला की घर-घर में जाँच होने लगी। सास-बहु भी अपना झगडा भुला इसी खुलासे में लग गई थी। सैलून में बाल काटने वाला भाई भी बीच में कैंची रोककर इसी खुलासे में लग जाता था । अच्छा सर बताइए..... । चैनल वालों ने तो उसके घर के पास कई शिफ्टों में ड्यूटी लगा दी थी। एक-दो नहीं। दस-दस ओबी वैन लगे रहते थे। बेचारे मुहल्ले वालों का जीना मुश्किल हो गया था। कभी नाला खंगालते अधिकारी टीवी पर नज़र आते थे। तो कभी किसी गार्ड से पूछ ताछ होती थी। खुलासा। अरे खुलासे की तो बात मत करो। चैनलों पर रोज रात में इस हत्याकांड के खुलासे का दावा किया जाता था। जब सभी लोग टीवी खोलते तो एंकर बोलतो थी..आप बने रहिये। थोडी ही देर में हम देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्त्री का खुलासा करने वाले हैं। लोग भी टीवी से चिपक कर बैठ जाते थे। टेलर देख कर लगता था की आज कुछ नहीं बचेगा। आज कातिल बेनकाब होकर रहेगा. सभी लोग फ़ैल हो जाएँगे। तभी ब्रेक हो जाता था। फ़िर लगता था की ब्रेक के बाद खुलासा हो जाएगा लेकिन॥ ऐसा नहीं हुआ। डॉक्टर साहब जब जमानत पर छुट कर घर आने लगे तो कई चैनल वाले रास्ते भर कवर करते आये। ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच की तरह कुछ ने तो लाइव ही कर दिया था। डॉक्टर साहब घर न जाकर ससुराल आ गए। लेकिन यहाँ भी छुटकारा कहाँ मिलती। उनके पहुँचने से पहले ओबी वैन पहुँच गई थी। फ़िर कई दिनों तक यही चलता रहा की अभी वह अपने ससुराल में ही हैं। उनके प्रति संवेदना के साथ ही जाँच एजेन्सी पर सवाल भी उठाये जाते रहे। दो-चार दिन यही मामला चला। लेकिन इधर परमाणु करार। फ़िर करार पर सरकार। यही सब टीवी पर आने लगा। अब तो डॉक्टर साहब के घर क्या ससुराल पर भी ओवी वैन नहीं है। अब कुछ ओबी वैन पार्लियामेंट तो कुछ बीजेपी और कांग्रेस के दफ्तर पहुँच गई। कुछ लाल झंडे वालों के पास भी लगी है। ऐसे में भला अब किसे फुर्सत है डॉक्टर साहेब की। मामले का चाहे जो भी हस्र हो। अब मीडिया वालों को क्या। दूसरा मसाला जो मिल गया है।

3 comments:

राज भाटिय़ा said...

ओर डा० साहिब थोडे दिन आराम कर के फ़िर से किसी शहर मे बसेरा करेगे ओर नये बच्चे.....,अजी पकडे गये तो कोई बात नही नेता तो अपने ही हे छुडा लेगे

Manoj Sinha said...

प्रगति जी
टीवी वाले तो कहते हैं चैन से सोना है तो जाग जाईये
नहीं तो भाग जाइये, खैर घनश्याम जी के ब्लॉग के मध्यम से आपका ब्लॉग देखा. एक खाश बात यह है कि गिधौर मेरा नानी घर है. अयोध्या प्रसाद (dipti साहब के बगल में घर है) मेरे नाना थे और बड़े मामा लाला रामकिशोर( दुखद बात यह है कि कल ही उनका निधन हो गया) मैं भी ७ साल प्रभात ख़बर में कार्टूनिस्ट था. आपका ब्लॉग देखता रहूँगा.

सुरेन्द्र Verma said...

Pragati ji
Aap apne lekhan se logon mein josh bharate rahiye. aajkal logon mein josh aur hosh dono ki kami hai. Main aapko biswash dila sakata hoon ki ek din log apke lekhan ko operation jarur karenge jis tarah aaj log kandhar imarat aur kile ki talash mein tour kar yah dekhate najar aa rahe hain ki raja ki tarah rahate the raja kis tarah rajya karate ------------------