Thursday, July 17, 2008

सुप्रतिम को देखिये, कभी हिम्मत मत हारिये..

सचमुच इसे सुप्रतिम की मौत पर जीत ही कहेंगे। दिल्ली की इस घटना को जिसने भी देखा वो दहल गया, लेकिन उस हिम्मतवाले को दाद दीजिये जिसने उस रड को इतने देर तक बर्दास्त किया। एक रड पहले कार में घुसता है फिर वह उसके पेट के उपरी हिस्से को भेदते हुए पीठ को पार कर जाता है। निश्चित तौर पर यह देखने वालों को भी हिलाने वाला था, लेकिन उसने अपने को पुरी तरह संभाले रखा। जहाँ एक छोटी गोली और एक छोटा चाकू भी आदमी की जान ले लेता है, वहां सुप्रतिम का अब भी सलामत रहना तो यही कहता है.....शाबाश आपके हिम्मत की और शुक्रिया उपरवाले का। साथ ही शुक्रिया उन डॉक्टरों का जिन्होंने भगवान् जैसा काम किया। इसीलिए कहा जाता है की आदमी को मरते दम तक हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हो सकता है आपको सफलता तब मिले जब आप आखिरी छोर तक पहुँच जायें.....सुप्रतिम से यही सिख लीजिये। कभी हिम्मत मत हारिये..

धन्यवाद.

1 comment:

डा. अमर कुमार said...

मन में उत्साह भरता आलेख ।